दरवाजे हमेशा दो होने चाहिए ताकि कोई आये तो दोनों हाथों से उन्हें खोलकर आने वाले का अभिनंदन किया जा सके। ठीक उसी तरह ज।ब कोई जाये तो दोनों हाथों से बंद किये जा सकें ताकि कोई हाथ किसी को धकेलने में इस्तेमाल न हो। दूसरा दरवाजे को भी किसी के होने का एहसास मिलता रहे और जब वो खुलें हों तो एक दूसरे से बतिया सकें और मुस्कुरा सकें।
वैसे ही अगर किसी टहनी पर आपका घोंसला बना हो तो बेशक आप अपने घोंसले से बेइंतहा मुहब्बत कीजिए लेकिन उस टहनी के लिए हमेशा फिक्रमंद रहिए कि पता नहीं कौन कब वह टहनी काट जाए और घोंसले का बजूद उस टहनी पर होने वाले प्रहार से ही न हिल जाये यह भी ध्यान रखिये।
उसी तरह व्यक्ति जो आपके जीवन में हैं उन्हें मुहब्बत दीजिए, इतनी दीजिए कि उसे उसका जीवन आपके कारण सुंदर लगने लगे, लेकिन उन बातों का खयाल भी रखिए कि वो व्यक्ति आपके जीवन में कैसे आया। आने वाले रास्ते पूज्य होते हैं, उन्हें पूजिए, उन पर फूल उगाइये क्योंकि जब कोई हमारी जिंदगी में आ जाता है तो हमें वह व्यक्ति दिखाई देता है आने वाला रास्ता नहीं दिखता। लेकिन जब कोई चला जाता है तो व्यक्ति नहीं दिखाई देता सिर्फ सुनसान रास्ते दिखाई देते हैं. वो सुनसान रास्ते गवाह होतें हैं जबकि कदमों के निशां भी मिट जाया करते हैं।आप जहाँ रहें वहाँ से जुड़ा हुआ रहें, भूल जाना इंसानों होने की निशानी तो बिल्कुल नहीं है
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