सोलन की मानव भारती यूनिवर्सिटी फर्जी डिग्री मामले में खुद फंसी तो सही लेकिन यहां पढ़ने वाले छात्रों को भी अधर में लटका गई। यहां पढ़ने वाले छात्र आज ऐसी हालत में हैं कि वह न इधर के रहे न उधर के। दरअसल यूनिवर्सिटी की जारी की गई डिग्रियों पर कई सवाल खड़े हुए हैं और मामला फिलहाल कोर्ट में है। कोर्ट की कार्रवाई में कितना समय लगेगा यह अंदाजा लगाना मुश्किल है। लेकिन यहां से डिग्रीयां प्राप्त करने वाले छात्रों का कहना है कि जब से यूनिवर्सिटी पर मामला दर्ज हुआ है तब से वे हर ऑफिस के चक्कर लगा लगा कर थक गए हैं लेकिन उनकी अभी समस्या का समाधान नहीं किया गया। उनकी डिग्री कहीं काम नहीं आ रही। न वे कहीं नौकरी कर पा रहे हैं और न ही आगे की पढ़ाई। उन्होंने बताया कि उनके साथ लगभग 4 से 05 हज़ार छात्र हैं जो इस फर्जीवाड़े का शिकार हुए हैं। पिछले लगभग डेढ़ सालों से कई अधिकारियों और मुख्यमंत्री तक तक अपनी समस्या पहुँचाते रहे लेकिन कोई फायदा नहीं मिल रहा।बहरहाल मामला कोर्ट में है और कोर्ट को फैसला लेते वक़्त लगेगा लेकिन यहां सरकार, शिक्षा विभाग और हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी सवालों के घेरे में आकर खड़े हो गए हैं।
एक ऐसी यूनिवर्सिटी जो फर्जी डिग्रियां बांटती रही, उस विवि में सरकार का कोई ध्यान नहीं था क्या विवि का दौरा करने के लिये आने वाले शिक्षा विभाग के प्रतिनिधियों ने कभी इसमें कोई कमी नहीं पाई ? क्या यह उदाहरण हमारे हिमाचल प्रदेश के अंदर सामने आना सरकार और विभाग की छवि धूमिल नहीं करता? और क्या अब छात्रों की इस हालत पर सरकार और शिक्षा विभाग का हाथ खड़े कर जाना जायज़ है? जो भी हो इस चक्कर में इन छात्रों के माता पिता के पैसा तो दिखाई दे रहा है साथ ही इन छात्रों का भविष्य भी अन्धकार में दिख रहा है।अगर अंत में कोर्ट का फैसला इन सभी के पक्ष में भी आता है तो इन छात्रों और इनके परिजनों का चिंता में बिताया यह मुश्किल दौर का क्या कोई मुआवज़ा भी हो सकता है ? क्या इस दौरान जो छात्र आगे की पढ़ाई करना चाहते थे उनकी पढ़ाई और डिग्री पर लगी रोक की ज़िम्मेदारी कोई लेगा? ज़ाहिर है कि इन छात्रों के कई साल तो बर्बाद होंगे ही लेकिन कोर्ट जितनी जल्दी इस पर कोई फैसला ले उतना सही होगा।छात्रों का कहना है कि उनके परिवार ने उन्हें पैसा लगाकर पढ़ाया और उन्होंने ने मेहनत अपनी डिग्री पास की ऐसे में अब पास होने के बाद भी वो भंवर पर आकर फंस गए गए हैं। उनके पास कोई रास्ता नहीं है। न वह इधर के रहे और न उधर के। सरकार किसी तरह की मदद को तैयार नहीं है। सरकार तक मीडिया के माध्यम से यह बात दोबारा पहुंचाने आये हैं। फार्मा के छात्रों को ब्लैकलिस्ट किया गया है।
TODAY LETAST NEWS 28/09/2021 WOCH NOW
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