भारत बंद का हिमाचल प्रदेश में खास असर देखने को नहीं मिल रहा है।लेकिन अन्य राज्यों को जाने वाली बसों के रूट जरूर प्रभावित हुए हैं। विभिन्न संगठनों एवं किसानों द्वारा सोमवार को भारत बंद आह्वान का असर न के बराबर है। लेकिन पंजाब में बंद की चिंगारी की आंच एचआरटीसी को झेलनी पड़ी है। ऊना से सोमवार तड़के मात्र दो रूटों पर रवाना की गई बसों के बाद अगले सभी रूट को एचआरटीसी प्रबंधन ने रद कर दिया है। निगम की दिल्ली से आने वाले दो बसें बुंगा साहब और अन्य स्थानों के पास जाम के बीच फंस चुकी हैं।
जिनके रूट डायवर्ट कर उन्हें प्रदेश की सीमा के भीतर से ऊना तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।हालांकि आंदोलन के मद्देनजर हिमाचल पथ परिवहन निगम ऊना डिपो की बसों प्रबंधन उच्चाधिकारियों के निर्देशों के बाद पहले ही अलर्ट था और सोमवार को मौके की परिस्थितियों को देखते हुए ऊना डिपो प्रदेश से बाहर जाने वाले रूटों को दौड़ाने की योजना में था। इसी कारण सोमवार को तड़के चंबा-चंडीगढ़ और दिल्ली का एक रूट ऊना डिपो द्वारा सवारियों के साथ गंतव्य की ओर रवाना किया गया था। ये बसें पंजाब में आंदोलन का जमावड़ा बनने से पहले ही संभावित संवेदनशील इलाकों को क्रास कर आगे निकल चुकी थीं। पंजाब से होते हुए बसों की वापसी भी उच्चाधिकारियों द्वारा रद की गई है। भारत बंद का हिमाचल में खास असर नहीं है। जिला ऊना सहित प्रदेशभर में बसें चल रही हैं।आइएसबीटी ऊना से पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, दिल्ली आदि अन्य राज्यों में सोमवार को जाने वाले करीब 30 रूटों पर चलने वाली बसों के पहिये थम गए। जिससे यात्रियों को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ा। सोमवार को ऊना डिपो पहुंचे कई सैनिकों ने अपनी ड्यूटी पर वापस पहुंचना था और वे सुबह ही ऊना डिपो से एचआरटीसी का सहारा लेकर गंतव्य तक पहुंचने की आस लगाए बैठे थे। लेकिन सब कुछ विपरीत हुआ। बसें न मिल पाई, जिससे आगे दिल्ली पहुंच उन्हें आगे जाने के लिए ट्रेन लेने का संकट भी आ खड़ा हुआ है। आइएसबीटी पहुंचे कुशल कुमार, गौरव, रविंद्र व रजत ने बताया कि उन्होंने चंडीगढ़ तक जाना था। लेकिन यहां पहुंच पता चला कि बसें पंजाब में भारत बंद के चलते आगे जाएंगी ही नहीं।
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