जिला सिरमौर में हुई भीषण मूसलाधार बारिश से एक बार फिर से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। जिला के विभिन्न हिस्सों में जहां ग्रामीण क्षेत्रों के मुख्य व संपर्क मार्ग बाधित रहे, तो वहीं कई स्थानों पर पत्थर व मलबा गिरने से यातायात बाधित रहा। नाहन क्षेत्र के चाकली पंचायत के शीलगांव में जहां बादल फटने से भारी तबाही हुई , तो वहीं चमयार कोराड़ गांव में भी बादल फटने से फसलों को भारी नुकसान हुआ,इसके साथ-साथ जिला मुख्यालय नाहन व आसपास के क्षेत्रों में भी सुबह से भारी मूसलाधार बारिश से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। लोग घरों में दुबके रहे तथा शहर की सड़कों व गलियों में पानी बरसाती नालों की तरह नजर आया।भले ही जिला में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है, परंतु निहोग पटवार क्षेत्र के चमयार कोराड़ गांव में फसलें नष्ट हो गई। जानकारी के मुताबिक इस क्षेत्र में किसानों का लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। इसके अलावा पानी के टैंक व सिंचाई योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। पशुशालाएं व रिहायशी घरों को भी नुकसान का अनुमान है। नाहन क्षेत्र की ग्राम पंचायत चाकली में भी भारी बारिश से किसानों को काफी नुकसान का अंदेशा है। बताया जा रहा है कि नाहन क्षेत्र के शीलगांव के साथ लगते जंगल में भी बादल फटा है जिसके कारण नदी-नाले उफान पर हैं तथा किसानों की फसलों को भी नुकसान हुआ है। बारिश से भारी नुकसान हुआ है। वहीं, बारिश ने लोगों की दिक्कतों को और अधिक बढ़ा दिया है।स्थानीय निवासी प्रीतमोहन शर्मा, ज्ञान चंद, राजेश शर्मा, बालकिशन, रामेश्वर, अमन ठाकुर, देशराज ठाकुर आदि किसानों ने बताया कि भारी बारिश से उनकी फसलें तबाह हो गई हैं। अधिक नुकसान धान, अदरक व मक्की की फसल को हुआ है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन व सरकार से उचित मुआवजे की मांग की है। इसके अलावा नाहन-सोलन, पांवटा-शिलाई, नाहन-रेणुकाजी व संगड़ाह-हरिपुरधार-नौहराधार आदि क्षेत्रों में भी भारी बारिश से ग्रामीण क्षेत्रों के मार्ग में मलबा गिरने से यातायात बाधित रहे। गौर हो कि जिला सिरमौर में इस वर्ष गत वर्षों की तुलना में बारिश से भारी नुकसान हुआ है।
भीषण मूसलाधार बारिश से एक बार फिर से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त किया।
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