अंतिम दौर में बड़ी टमाटर की मांग, लेकिन शुरुआती दौर की अपेक्षाकृत इन दिनों मंडी पहुंच रहा टमाटर गुणवत्ता के लिहाज से काफी बेहतर है, जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है। जबकि शुरुआती दौर मध्यवर्ती दौर तक किसानों को मंदी की हालत से गुजरना पड़ा। शुरुआती दौर में टमाटर की फसल को लेकर किसानों को आर्थिक नुकसान के पीछे दो प्रमुख कारण उभर कर सामने आ गए , जिनमें से प्रमुख कारण शुरुआती दौर में टमाटर की गुणवत्ता में गिरावट तथा दूसरा मैदानी इलाकों से भारी मात्रा में टमाटर की खेप का पहुंचना था ।दोनों ही कारणों से यहां के किसान को अपनी उपज के बेहतर दाम नहीं मिल पाए। बहरहाल इन दिनों मंडी में टमाटर पहले की तुलना में बढ़े हुए दामों पर है। हालांकि बीच में किसानों को 500 से 550 रुपए प्रति क्रेट मूल्य प्राप्त हुआ। सीजन के अंत तक सप्लाई कम और मांग अधिक होने के कारण किसानों को इससे अधिक दाम प्राप्त होने की उम्मीद भी जताई जा रही है। मंडी पहुंची टमाटर की क्रेटों की संख्या पर नजर दौड़ाएं तो इसका ग्राफ छह लाख से पार हो चुका है। जिसकी संख्या सात लाख तक पहुंचने का अनुमान है। क्रेटों की यह संख्या सोलन और आसपास के जिलों से मंडी आने वाले टमाटर की है। इसके अलावा मैदानी इलाकों से मंडी पहुंचने वाला टमाटर की मात्रा अलग है।
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