#himachalnews #solannews #Sirmournews #Shimlanews #Himachaltvnnewsnetwork
शहर के वार्ड नंबर-3 में शिमला रोड पर एक पार्थिव देह को नगर परिषद के तिरस्कार का सामना करना पड़ा। लाजमी तौर पर आपके जहन में सवाल उठेगा, आखिर क्या हुआ। हुआ यूं कि बीमारी की वजह से अशोक मल्होत्रा का निधन हो गया। परिवार ने नगर परिषद से शव वाहन उपलब्ध करवाने का आग्रह किया। दोपहर सवा 2 बजे के आसपास वाहन पहुंच भी गया। पार्थिव देह को जिस जगह से शव वाहन में रखा जाना था, वहां सड़क भी संकीर्ण है।खैर, चालक वाहन को हाथी की कब्र से मोड़ कर ले आया। अढ़ाई बजे के आसपास शोक में डूबे परिवार ने पार्थिव देह को शव वाहन में रख भी दिया। लेकिन चालक से खटारा शव वाहन स्टार्ट ही नहीं हुआ। इसी बीच वाहनों की लंबी कतारें लगनी भी शुरू हो गई।इसी दौरान मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने नगर परिषद के खटारा शव वाहन (HP18B-3192) को लेकर आॅनलाइन रिकाॅर्ड खंगाला तो हैरजअंगेज खुलासा हुआ। इस वाहन का 28 अक्तूबर 2018 के बाद से इंश्योरेंस नहीं है। वाहन की फिटनेस 16 अप्रैल 2018 तक थी। टैक्स का भुगतान भी 31 मार्च 2018 तक हुआ है।एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने खंगाला तो पता चला कि नगर परिषद के शव वाहन की ब्रेकें भी ठीक से काम नहीं कर रही। श्मशानघाट तक जाने के लिए आरपी-1 के समीप से खड़ी उतराई है। खुदा न करे, ऐसी स्थिति में अगर शव वाहन के ब्रेक साथ छोड़ दे तो पार्थिव देह के साथ-साथ इसमें मौजूद शोकाकुल परिवार के सदस्यों की हालत क्या होगी, इसका अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं।उल्लेखनीय है कि रामकुंडी से होती हुई संकीर्ण सड़क श्मशानघाट तक पहुंचती है। इसके दोनों तरफ कई स्थानों पर रिहायशी घर भी हैं। खैर, बमुश्किल परिवार के सदस्यों ने रैडक्राॅस सोसायटी के वाहन का इंतजाम करवाया। सोसायटी के वाहन के आने तक पार्थिव देह नगर परिषद के ही शव वाहन में पड़ी रही। नगर परिषद की असंवेदनशीलता का आलम देखिए कि बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं। शानदार भवन के निर्माण के लिए करोड़ों का बजट उपलब्ध हो गया है, लेकिन अंतिम संसारिक यात्रा करने वाले शवों के लिए एक अदद शव वाहन तक उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा।आपको बता दें कि नगर परिषद द्वारा ये सेवा उपलब्ध नहीं करवाई जाती। इसके लिए शोकाकुल परिवार से 600 से 800 रुपए की राशि ली जाती है। दीगर है कि जब तक नगर परिषद के खटारा वाहन को नहीं हटाया गया, तब तक ट्रैफिक पुलिस को भी खासी मशक्कत करनी पड़ी। आलम ये हुआ कि शोक व्यक्त करने आए करीबियों के वाहनों के चालान कर दिए गए।उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने खटारा शव वाहन के बारे में नगर परिषद की अध्यक्षा श्यामा पुंडीर से बात की। उन्होंने कहा कि फिटनेस को लेकर तो जानकारी नहीं है। लेकिन इतना जरूर है कि हाल ही में रिपेयरिंग जरूर करवाई गई है। नगर परिषद के उपाध्यक्ष अविनाश गुप्ता के मुताबिक इंश्योरेंस व पासिंग इत्यादि संबंधित कनिष्ठ अभियंता की जिम्मेदारी होती है। नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी ने फोन रिसीव नहीं किया। कुल मिलाकर देखना ये होगा कि अब पुलिस व ट्रांसपोर्ट महकमा ऐसे वाहनों के खिलाफ क्या कार्रवाई अमल में लाता है।
Post a Comment