हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने बोर्ड कक्षाओं की मूल्यांकन प्रणाली को बदलने का फैसला किया है। तीसरी, पांचवी, आठवीं और नौवीं से बारहवीं क्लास का मूल्यांकन अब पूरी तरह से बोर्ड द्वारा आयोजित लिखित परीक्षाओं के आधार पर नहीं होगा। बोर्ड के अध्यक्ष एसके सोनी ने इस बात की जानकारी दी है।उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के आधार पर बोर्ड की बैठक में बदलाव का प्रस्ताव रखा गया है। बैठक में निर्णय लिया गया कि तीसरी, पांचवी और आठवीं क्लास के लिए 50 प्रतिशत अंक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा के आधार पर और 50 प्रतिशत अंक उनके स्कूलों द्वारा आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर दिए जाएंगे। 50 प्रतिशत में से स्कूल 25 प्रतिशत अंक छात्रों के व्यापक शैक्षणिक मूल्यांकन के आधार पर और 25 प्रतिशत अतिरिक्त पाठयक्रम गतिविधियों के आधार पर देंगे।उन्होंने बताया कि अतिरिक्त पाठयक्रम गतिविधियों में योग और अन्य खेलों के प्रदर्शन के आधार पर कम से कम चार प्रतिशत अंक दिए जाएंगे। छात्रों को स्थानीय इतिहास और राष्ट्रीय व्यक्तित्वों पर लेख प्रस्तुत करना होगा।नौवीं से बारहवीं क्लास के लिए 80 प्रतिशत अंक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाओं के आधार पर और 20 प्रतिशत स्कूलों द्वारा मूल्यांकन के आधार पर दिए जाएंगे। 20 प्रतिशत अंकों में से स्कूल व्यापक शैक्षणिक मूल्यांकन के आधार पर सिर्फ चार प्रतिशत अंक और अतिरिक्त पाठयक्रम गतिविधियों के आधार पर 16 प्रतिशत अंक देंगे। इसके साथ ही बोर्ड ने वार्षिक परीक्षा आयोजित करने के बजाय हर छह महीने में परीक्षा आयोजित करने का प्रस्ताव रखा था।
#himachalnews #solannews #Sirmournews #Shimlanews #Himachaltvnnewsnetwork
Post a Comment